राजपूत शौर्य का प्रतिबिम्ब: राणा सांगा की विजय कहानी

भारतीय इतिहास में राजपूतों का स्थान अद्वितीय है। उनका शौर्य, साहस, और निष्ठा उन्हें वीरता के प्रतीक बनाते हैं। राजपूतों के बीच से उत्पन्न हुए कई महान योद्धा हैं, जिनमें से एक हैं राणा सांगा। उनकी विजय कहानी भारतीय इतिहास में एक अद्वितीय अध्याय है। राणा सांगा, जिनका असली नाम संग्राम सिंह था, मेवाड़ के महाराजा थे। उनका जन्म सन् 1433 में हुआ था। राणा सांगा के शासनकाल में मेवाड़ की शक्ति और समृद्धि का काल था। उन्होंने मेवाड़ को अपने वीरता और साहस से नवाया और अपने साम्राज्य को बढ़ाया। राणा सांगा की वीरता, उनका योद्धा धर्म और निष्ठा उन्हें भारतीय इतिहास के वीरों में विशेष स्थान प्रदान करती हैं। उनके युद्ध कौशल और वीरता की कहानी इतिहास की पन्नों पर लिखी गई है और उनका नाम आज भी भारतीय समाज में गौरवपूर्ण रूप से स्मरण किया जाता है।

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17
Apr
2024 12:12 AM

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राजपूत शौर्य का प्रतिबिम्ब: राणा सांगा की विजय कहानी