मानसून: बारिश के बूंदों सी बरसती ये आंखें....
बादल जब सूरज की गर्मीसे पिघल जाते ी है ,वह बूंदो के रूप में धरती पर आ जाते हैं कितनों की प्यास बुझआते हैं जब वह बारिश बन जाती है कवियों को कवि बनाते हैं,वह पेड़ों को हरिया जाती हैं संगीत की धुन बन जाती है तो कभी अधूरा प्रेम जगाते हैं।
साहित्य
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Jul 2025 5:47 PM
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