तू इतना घबराती क्यों है?
यह कविता उन युवतियों और महिलाओं को समर्पित है जो अपनी ज़िंदगी के किसी पहलू पर हमारी पितृसत्ता से एक रोज़ तिरस्कृत हुई है जिसके बाद से उन्हें एक छोटा सा कदम लेने में भी, भले ही वो उनके लिए सार्थक हो, संकोच होता है
Personal
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Dec 2023 7:13 PM
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