बाल गंगाधर तिलकः स्वराज का नारा और उनके राजनीतिक विचार
स्वतंत्रता में ही प्रगति निहित है। स्वशासन के बिना न तो औद्योगिक प्रगति संभव है और न ही शैक्षिक योजना राष्ट्र के काम आयेगी। भारत की आजादी के लिए प्रयास करना सामाजिक सुधार से भी अधिक महत्वपूर्ण है।
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09
Jul 2024 9:43 PM
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