दोस्त:यार या प्यार
दोस्त से बढ़ कर कुछ है नही,दोस्त गर गलत है तो क्या सही,दोस्तों के लिए दिल जिंदा है आज,दोस्त के मेहेरवानी से ये बंदा है आज।
Literature
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08
Jun
2025 9:01 PM
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