पीने की आदत
मिली है जिंदगी, तो कैसे भी है जीना, ........ ....... बुलंद करनी है इमारत, पर मुहाल है जीना, देहरी पर हर आहट से, अब डर लगता यूं है, कल पी थी बातें बहुत, फिर पड़ेगा आज पीना।
Literature
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09
Feb
2024 2:19 AM
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